1907 में सूरत में कांग्रेस के विभाजन का मुख्य कारण क्या था?

(A) लॉर्ड मिंटो द्वारा भारतीय राजनीति में सांप्रदायिकता का प्रवेश कराना
(B) अंग्रेजी सरकार के साथ नरमपंथियों की वार्ता करने की क्षमता के बारे में चरमपंथियों में विश्वास का अभाव
(C) मुस्लिम लीग की स्थापना
(D) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष निर्वाचित हो सकने में अरविंद घोष की असमर्थता

Answer : अंग्रेजी सरकार के साथ नरमपंथियों की वार्ता करने की क्षमता के बारे में चरमपंथियों में विश्वास का अभाव

Explanation : वर्ष 1907 में सूरत में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विभाजन का मुख्य कारण अंग्रेजी सरकार के साथ नरमपंथियों की वार्ता करने की क्षमता के बारे में चरमपंथियों में विश्वास का अभाव था। अंग्रेजी सरकार के साथ नरमपंथियों की वार्ता करने की क्षमता के विषय में चरमपंथियों में हमेशा से विश्वास का अभाव रहा था। वे नरमपंथियों द्वारा अंग्रेज सरकार के साथ अनुनय-विनय की नीति के आलोचक थे। नरमपंथियों को बुद्धिजीवी तथा शहरी मध्य वर्ग से सहयोग प्राप्त था, परन्तु चरमपंथी अर्थात गरमदलीय व्यक्तियों ने रचनात्मक स्वविकास को अपनाया। (सूरत अधिवेशन 26 दिसंबर, 1907 को ताप्ती नदी के किनारे संपन्न हुआ था। बाल गंगाधर तिलक को अध्यक्ष बनाए जाने की माँग गरम दल की ओर से की जा रही थी, जबकि नरम दल वाले रास बिहारी घोष को अध्यक्ष बनाने में सफल रहे। अधिवेशन के अशांत वातावरण में ही कांग्रेस का विभाजन हुआ।
Tags : कांग्रेस अधिवेशन
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Web Title : 1907 Mein Surat Mein Congress Ke Vibhajan Ka Mukhya Karan Kya Tha