‘अकबरनामा’ भागों में किसे ‘आइन-ए-अकबरी’ कहा जाता है?

(A) पहला भाग
(B) दूसरा भाग
(C) तीसरा भाग
(D) चौथा भाग

Question Asked : [RAS/RTS (Pre) Opt. History 2010]

Answer : तीसरा भाग

'अकबरनामा' अबुल फजल की प्रसिद्ध कृति है। सात साल की मेहनत के बाद अबुल फजल ने 1791-1798 में अकबरनामा पूरा करके अकबर के सामने पेश किया। यह तीन जिल्दों में बांटा हुआ है। तीसरी जिल्द 'आइन-ए-अकबरी' है। 'आइन-ए-अकबरी' अकबर नामा की जान है। इसके पांच हिस्से हैं। पहले हिस्से में 10, दूसरे में 30 और तीसरे में 16 आइन' है और चौथे हिस्से में हिंदुस्तान की जातियों, ऋतुओं, फसलों और कुदरती सौदर्य का जिक्र है। हिंदुओं के राजनीति, साहित्य, धार्मिक जीवन और उनकी न्याय प्रणाली आदि विषयों पर विस्तार से रोशनी डाली गयी है। आखिर में हिंदुस्तानी संतों और कुछ विदेशी सूफियों की जीवनियां दी गयी हैं। पांचवे हिस्से में सिर्फ दो अध्याय हैं जिनमें अकबर की कहावतें और अबुल फजल की आत्मकथा है आइने अकबरी, अकबर की शासन प्रणाली को साफ-साफ बयान करता है। लेकिन अबुल फजल का फलसफाना अंदाज जिसकी मदद से उसने शासन प्रणाली में सहानियत का असर दिखाया है, किताब को कठिन और गैर-दिलचस्प बना देता है। अबुल फजल ने अकबरनामा को सात वर्षों (1591-98) में पूर्ण किया।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Akbarnama Bhago Mein Kise Ain E Akbari Kaha Jata Hai