अशफाक उल्ला खान को फांसी कब हुई?

(A) 22 अक्टूबर, 1900
(B) 19 दिसंबर, 1927
(C) 20 नवंबर, 1925
(D) 25 दिसंबर, 1920

Answer : 19 दिसंबर, 1927

Explanation : अशफाक उल्ला खान को फांसी 19 दिसंबर, 1927 को हुई। 1925 में चंद्रशेखर आजाद और राजेंद्र लाहिड़ी जैसे क्रांतिकारियों के साथ काकोरी कांड में इनकी अहम भूमिका रही थी। काकोरी कांड की घटना 9 अगस्त 1925 के दिन को हुई थी। रामप्रसाद बिस्मिल और चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व में 8 अगस्त, 1925 को क्रांतिकारियों की एक अहम बैठक हुई थी, जिसमें योजना बनाई गई कि सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन काकोरी स्टेशन पर आने वाली ट्रेन को लूटना है जिसमें सरकारी खजाना था। क्रांतिकारी जिस धन को लूटना चाहते थे, दरअसल वह धन अंग्रेजों ने भारतीयों से ही हड़पा था। 26 सितंबर 1925 के दिन हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के करीब 40 क्रांतिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके खिलाफ राजद्रोह करने, सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने और मुसाफिरों की हत्या करने का मुकदमा चलाया गया। बाद में राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई थी। 19 दिसंबर, 1927 को अंग्रेज सरकार ने अशफाक उल्ला को फांसी दे दी थी। इस घटना ने आजादी की लड़ाई में हिन्दू-मुस्लिम एकता को और भी अधिक मजबूत कर दिया।
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Web Title : Ashfaqulla Khan Ko Fansi Kab Hui