बाल गंगाधर तिलक को लोकमान्य की उपाधि कब दी गयी?

(A) 1908 में उनके कारावास के दौरान
(B) होमरूल आंदोलन के दौरान
(C) क्रांतिकारी आंदोलन के दौरान
(D) स्वदेशी आंदोलन के दौरान

Answer : होमरूल आंदोलन के दौरान

Explanation : बाल गंगाधर तिलक को लोकमान्य की उपाधि होमरूल आंदोलन 1916 के दौरान दी गयी थी। यह उपाधि उनके अनुयायियों ने उन्हें दी थी। बाल गंगाधर तिलक का उपनाम लोकमान्य का अर्थ होता है 'लोगों द्वारा प्रतिष्ठित'। बाल गंगाधर तिलक (23 जुलाई 1856 - 1 अगस्त 1920) केशव गंगाधर तिलक के रूप में पैदा हुए। उनके पिता का नाम श्री गंगाधर रामचंद्र तिलक था। वह एक भारतीय राष्ट्रवादी, पत्रकार, शिक्षक, सामाजिक सुधारक तथा स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्हें लोकमान्य के मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया। तिलक ने मराठा तथा केसरी नामक समाचारपत्र भी निकाला था। इनके ऊपर दो बार राजद्रोह (IPC की धारा 124A) का मुकदमा लगा था। तिलक 'स्वराज' (आत्म-शासन) के पहले और सबसे मजबूत समर्थकों में से एक थे। इन्होंने 'दक्कन शिक्षा सोसायटी' की स्थापना की, ताकि भारत में शिक्षा का स्तर सुधर सके। तिलक की अनेक रचनाएँ हैं, किंतु माण्डले जेल में उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक 'गीता-रहस्य' सर्वोत्कृष्ट कृति है। ये गरमपंथी विचारधारा के नेता थे। बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु 1 अगस्त, 1920 को हुई।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी बाल गंगाधर तिलक
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Bal Gangadhar Tilak Ko Lokmanya Ki Upadhi Kab Di Gayi