भक्ति रस का स्थायी भाव क्या है?

(A) भगवद्विषयक अनुराग
(B) हास
(C) शोक
(D) निर्वेद

Answer : भगवद्विषयक अनुराग

Explanation : भक्ति रस का स्थायी भाव भगवद्विषयक अनुराग है। ऐसे भाव जो हृदय में संस्कार रूप में स्थित होते हैं, जो चिरकाल तक रहने वाले अर्थात् अक्षय, स्थिर और प्रबल होते हैं तथा जो रसरूप में परिवर्तित या परिणत होते हैं, स्थायी भाव कहलाते हैं। स्थायी भावों की संख्या कुल संख्या 9 है और स्थायी भाव की मान्यताओं की संख्या 11 है। सामान्य हिंदी के अन्तर्गत रस और भाव संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। जो आपके लिए आईएएस, पीसीएस, कर्मचारी चयन आयोग, बीएड., सब इंस्पेक्टर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी होते है।
Tags : भक्ति रस रस के अंग रस के प्रकार रस हिन्दी व्याकरण
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Bhakti Ras Ka Sthayi Bhav Kya Hai