भारत का महान्यायवादी कब तक पद धारण करता है?

(A) 3 वर्ष
(B) 4 वर्ष
(C) 5 वर्ष
(D) राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त

Answer : राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त

Explanation : भारत का महान्यायवादी राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त तक पद धारण करता है, क्योंकि संविधान द्वारा महान्यायावादी का कार्यकाल निश्चित नहीं किया गया है। यानी जब राष्ट्रपति चाहें तब उन्हें हटा सकते हैं। इसी तरह संविधान में महान्यायावादी के वेतन तथा भत्ते तय नहीं किए गए हैं, उसे राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक मिलता है। भारत के महान्यायावादी के पद की व्यवस्था संविधान के अनुच्छेद 76 के अन्तर्गत की गई है। यह देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। राष्ट्रपति द्वारा महान्यायावादी की नियुक्ति होती है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यता रखने वाले व्यक्ति को महान्यायावादी के पद पर नियुक्त किया जा सकता है अर्थात् उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काम करने का 5 वर्षो का अनुभव हो या राष्ट्रपति के अनुसार वह पारंगत विधिवेत्ता हो।

महान्यायावादी के कार्य एवं शक्तियाँ हैं–राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए कर्तव्यों का पालन, भारत सरकार को विधिक सलाह देना, उच्चतम न्यायालय में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना एवं सरकार की ओर से पेश होना, सरकार से संबंधित किसी मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई का अधिकार आदि। भारत के किसी भी क्षेत्र में, किसी भी अदालत में महान्यायवादी को सुनवाई का अधिकार है। एक सांसद की तरह सभी भत्ते एवं विशेषाधिकार उसे मिलते हैं। लेकिन महान्यायवादी पर कुछ सीमाएँ भी निर्धारित की गई हैं, जैसे—बिना भारत सरकार की अनुमति के वह किसी भी आपरातधिक मामलों में व्यक्ति का बचाव नहीं कर सकता है, भारत सरकार के विरुद्ध कोई सलाह नहीं दे सकता है, बिना सरकार की अनुमति के वह कंपनी के निदेशक का पद ग्रहण नहीं कर सकता आदि।
Tags : भारत के राज्यपाल महान्यायवादी राजव्यवस्था प्रश्नोत्तरी
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Bharat Ka Mahanyayvadi Kab Tak Pad Dharan Karta Hai