भारत में एटीएम की शुरुआत कब हुई?

(A) वर्ष 1985 नई दिल्ली में
(B) वर्ष 1987 मुबंई में
(C) वर्ष 1988 नई दिल्ली में
(D) वर्ष 1990 कोलकाता में

Answer : वर्ष 1987 मुबंई में

भारत में एटीएम की शुरुआत वर्ष 1987 मुबंई में हुई थी। यानि भारत में एटीएम वर्ष 1987 में आया। यह एटीएम हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एचएसबीसी) ने मुंबई में लगाया था। देश में अब एटीएम की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मार्केट रिसर्च फर्म एएम माइंडपॉवर सॉल्यूशन्स के मुताबिक 2015 तक देश में 2.3 लाख एटीएम थे। एटीएम का आविष्कार जॉन शेफर्ड बैरन (John Shepherd-Barron) ने किया था। जिनका जन्म 3 जून, 1925 को शिलांग (अब मेघालय की राजधानी) में हुआ था। वैसे एटीएम के आविष्कार को लेकर यह भी मत है कि पहली ऑटोमेटेड बैंकिंग मशीन का निर्माण अमेरिकी बिजनेसमैन लूथर सिमजियन ने 1939 में किया था, लेकिन ग्राहकों ने उस मशीन को स्वीकार नहीं किया। कैश निकालने वाला पहला एटीएम सन 1967 में उत्तरी इंग्लैंड के एनफील्ड में लगाया गया था, जो लंदन के बार्कलेज बैंक में लगा था।

दुनिया का सबसे ऊंचा एटीएम पहले नाथूला में था, जिसकी ऊंचाई 14,300 फुट थी। इसके बाद नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान ने 15,397 फुट की ऊंचाई पर एटीएम स्थापित किया। अपने देश में कोच्चि में तैरने वाला एटीएम लगाया गया। यह मशीन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने लगाई थी। एटीएम को अलग-अलग देशों में कई नामों से जाना जाता है। ब्रिटेन और न्यूजीलैंड में इसे कैश प्वाइंट' या 'कैश मशीन' कहा जाता है। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में इसे 'मनी मशीन' कहते हैं। तममें से कई बच्चों को एटीएम का मतलब एनी टाइम मनी यानी 'कभी भी पैसा' लगता होगा, लेकिन असल में एटीएम का मतलब ऑटोमेटिक टेलर (Automated teller machine) मशीन है, यानी यह मशीन अपने अनुसार गणना करती है।
Tags : आविष्कार और आविष्कारक
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Web Title : Bharat Mein Atm Ki Shuruaat Kab Hui