भारत में बाल अपराधी की अधिकतम उम्र सीमा क्या है?

(A) लड़कों के लिए 18 वर्ष और लड़कियों के लिए 20 वर्ष
(B) लड़कों के लिए 16 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष
(C) लड़कों के लिए 18 वर्ष और लड़कियों के लिए 16 वर्ष
(D) 18 वर्ष

Answer : लड़कों के लिए 16 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष

Explanation : भारत में बाल अपराधी की अधिकतम उम्र सीमा लड़कों के लिए 16 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष है। भारत में बाल न्याय अधिनियम 1986 (संशोधित) के अनुसार नाबालिग अपराधियों की उम्र सीमा 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष कर दी गई है। सजा के मामले में न्यूनतम 3 वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष तक की कैद का प्रावधान है। यह भी जान लें कि कानून की नजर में जुवेनाइल उस व्यक्ति को माना जाता है, जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम हो। भारतीय दंड संहिता के मुताबिक एक बच्चे को किसी भी अपराध के लिए सजा नहीं दी जा सकती, जब तक कि उसकी उम्र कम से कम सात साल हो।

एक निश्चित आयु के बालक द्वारा समाज में निषिद्ध अथवा कानून विरोधी कार्य करना बाल अपराध कहलाता है। बाल अपराध दो शब्दों का संयोग है-'बाल + अपराध'। ‘बाल' का अर्थ है-बालक या किशोर, 'अपराध' का अर्थ है, कानून का उल्लंघन। इस प्रकार बाल-अपराध को शाब्दिक अर्थ हुआ किशोर द्वारा किया गया अपराध। भारत में 1960 व 1986 ई. में बाल अधिनियम पारित किया गया।
Tags : समाजशास्त्र प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Bharat Mein Bal Apradhi Ki Adhiktam Umra Seema Kya Hai