बीती विभावरी जाग री किस काव्य संग्रह से है?

(A) प्रेमपथिक
(B) झरना
(C) काननकुसुम
(D) लहर

Answer : लहर

Explanation : “बीती विभावरी जाग री। अंबर पनघट में डुबी रही, तारा-घट उषा-नागरी।" उपर्युक्त पंक्तियाँ जयशंकर प्रसाद के काव्य संग्रह 'लहर' (1933 ई.) में संकलित हैं। इसी काव्य संग्रह में 'अशोक की चिन्ता', 'शेरसिंह का शस्त्र समर्पण', 'पेशोला की प्रतिध्वनि' तथा 'प्रलय की छाया' नामक चार लम्बी कविताएँ संकलित हैं।
Tags : हिंदी साहित्य
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Biti Vibhavari Jag Ri Kis Kavya Sangrah Se Hai