चंद्र ग्रहण किस कारण होता है?

(A) चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी का एक रेखा में होना
(B) चंद्रमा का पेरिजी पर और धरती पेरिहीलियन पर है
(C) धरती पेरिहीलियन पर तथा चंद्रमा एपोज़ी पर है
(D) चंद्रमा और पृथ्वी सूर्य के सापेक्ष समकोण पर हैं

Answer : चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी का एक रेखा में होना

Explanation : चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी का एक रेखा में होती है तब चंद्र ग्रहण होता है। चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन लगता है। लेकिन हर पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण नहीं होता। ये तो कुछ विशेष परिस्थितियों में ही लगता है। चंद्र ग्रहण एक साधारण घटना है क्योंकि सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य के चारों तरफ और उपग्रह अपने ग्रह के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं। जब सूर्य के चारों तरफ पृथ्वी और पृथ्वी के चारों तरफ चन्द्रमा चक्कर लगाते-लगाते सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है। तब इस स्थिति में चंद्र ग्रहण लगता है। चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं–

पूर्ण चंद्र ग्रहण- जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चांद को पूरी तरह से ढक लेती है तब पूर्ण चंद्र ग्रहण का नजारा देखने को मिलता है। इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह से लाल दिखाई देता है। जिसे सुपर ब्लड मून कहते हैं।

आंशिक चंद्र ग्रहण- जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है और चंद्रमा के कुछ ही भाग पर पृथ्वी की छाया पड़ पाती है। इसे ही आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं।

उपच्छाया चंद्र ग्रहण- उपछाया चंद्र ग्रहण जिसे पेनुमब्रल भी कहते हैं। इस अवस्था में सूर्य और चंद्र के बीच पृथ्वी उस समय आती है, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में नहीं होते हैं। इस स्थिति में पृथ्वी की बाहरी हिस्से की छाया यानी उपच्छाया ही चंद्र पर पड़ती है। जिससे चन्द्रमा की सतह धुँधली पड़ जाती है इसी को उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इस स्थिति में चंद्रमा का न तो रंग बदलता है और न ही आकार।
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Web Title : Chandra Grahan Kis Karan Hota Hai