Explanation : चरण धरत चिंता करत चितवत चारों ओर। 'सुबरन' को ढूंढत फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।। पंक्ति में श्लेष अलंकार होता है। उपर्युक्त दोहे की दूसरी पंक्ति में 'सुबरन' का प्रयोग किया गया है जिसे कवि, व्यभिचारी और चोर-तीनों ढूंढ़ रहे हैं। इस प्रकार एक शब्द 'सुबरन' के यहां तीन अर्थ हैं।
(क) कवि 'सुबरन' अर्थात् अच्छे शब्द, (ख) व्यभिचारी 'सुबरन' अर्थात् अच्छा रूप-रंग और (ग) चोर भी 'सुबरन' अर्थात् स्वर्ण ढूंढ रहा है। अतएव यहां श्लेष अलंकार है।
श्लेष अलंकार की परिभाषा – 'श्लेष' का अर्थ है 'चिपकना'। जहां एक शब्द एक ही बार प्रयुक्त होने पर दो अर्थ दें वहां श्लेष अलंकार होता है। दूसरे शब्दों में जहां एक ही शब्द से दो अर्थ चिपके हों वहां श्लेष अलंकार होता है। सामान्य हिंदी प्रश्न पत्र में श्लेष अलंकार संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए यह प्रश्न आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड, आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी साबित होगें।
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