दादू की शिक्षा का संकलन दादूवाणी किसमें रचित है?
(A) मेवाती में
(B) ढूंढाड़ी में
(C) देशवाली में
(D) बागड़ी में
Explanation : दादूवाणी ढूंढाड़ी में रचित है। दादूदयाल हिंदी के भक्तिकाल में ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रमुख संत कवि थे। इनके 52 पट्टशिष्य थे, जिनमें गरीबदास, सुंदरदास, रज्जब और बखना मुख्य हैं। दादू के नाम से 'दादू पंथ' चल पडा। दादू हिंदी, गुजराती, राजस्थानी आदि कई भाषाओं के ज्ञाता थे। इन्होंने शबद और साखी लिखीं। इनकी रचना प्रेमभावपूर्ण है। जात-पाँत के निराकरण, हिंदूमुसलमानों की एकता आदि विषयों पर इनके पद तर्क-प्रेरित न होकर हृदय-प्रेरित हैं। ढूंढाड़ी एक इंडो-आर्यन भाषा है जो पूर्वोत्तर राजस्थान के ढूंढाड़ क्षेत्र में बोली जाती है। ढूंढाड़ी बोलने वाले मुख्य रूप से तीन जिलों - जयपुर, करौली, डीग, सवाई माधोपुर, दौसाऔर टोंक में रहते है।
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