‘धर्म वास्तविक है, परन्तु ईश्वर धर्म का सार नहीं है’ यह किसका कथन है?

(A) आगस्ट काम्ट
(B) हर्बर्ट स्पेंसर
(C) मैक्स वेबर
(D) ईमाइल दुर्थीम

Answer : ईमाइल दुर्थीम

Explanation : 'धर्म वास्तविक है, परन्तु ईश्वर धर्म का सार नहीं है' यह ईमाइल दुर्थीम का कथन है। दुर्थीम द्वारा 1912 में प्रसिद्ध धर्म की पुस्तक 'The elementry form of Religious Life.' में उपर्युक्त कथन प्रस्तुत किया गया है। अपनी पुस्तक दा एलीमेंट्री ऑफ रिलिजियस लाइफ में दुर्थीम ने धर्म की उत्पत्ति के सभी विद्यमान सिद्धांतों को निरस्त कर दिया। उन्होंने धर्म का समाजशास्त्रीय सिद्धांत प्रस्तुत किया। दुर्थीम के अनुसार प्रत्येक धर्म में साधारण और पवित्र के रूप में वस्तुओं का विभाजन होता है। पवित्र वस्तुएं वे हैं जो विशेष और श्रेष्ठ के रूप में संरक्षित एवं पृथक् रखी जाती हैं। साधारण वस्तुएँ निषिद्ध होती हैं और पवित्र से दूर रखी जाती हैं। किसी वस्तु की पवित्रता उसकी अंतर्निहित विशेषता नहीं होती है। यह उसे दूसरे स्रोतों से प्राप्त होती है।
Tags : समाजशास्त्र प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Dharm Vastavik Hai Parantu Ishwar Dharm Ka Saar Nahin Hai Yah Kiska Kathan Hai