दीर्घसूत्री विनश्यति का अर्थ

(A) छाया के समान दुर्जनों और सज्जनों की मित्रता होती है।
(B) तीर्थ जल और अग्नि से अन्य पदार्थ से शुद्धि के योग्य नहीं होते हैं।
(C) प्रत्येक कार्य में अनावश्यक विलम्ब करने वाला नष्ट होता है।
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : प्रत्येक कार्य में अनावश्यक विलम्ब करने वाला नष्ट होता है।

Explanation : संस्कृत सूक्ति 'दीर्घसूत्री विनश्यति' का हिंदी में अर्थ– प्रत्येक कार्य में अनावश्यक विलम्ब करने वाला नष्ट होता है। संस्कृत की यह सूक्ति महाभारत शान्तिपर्व 137/1 से ली गई है। State TET, CTET, TGT, PGT आदि परीक्षाओं के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्कृत सूक्तियां हिंदी में अर्थ सहित पढ़े–
आलाने गृह्यते हस्ती वाजी वल्गासु गृह्यते। हृदये गृह्यते नारी यदीदं नास्ति गम्यताम्।। (मृच्छकटिकम् 01/50)
हिंदी में अर्थ– हा​थी खम्भे से रोका जाता है। घोड़ा लगाम से रोका जाता है, स्त्री हृदय से प्रेम करने से ही वश में की जाती है यदि ऐसा नहीं है तो सीधे अपनी राह नापिये।

इष्टप्रवासजनितान्यबलाजनस्य दु:खानि नूनमतिमात्र सुदु:सहानि। (अभिज्ञान शाकुन्तलम्-4/3)
हिंदी में अर्थ– कण्व का शिष्य कहता है वस्तुत: स्त्रियों को अपने इष्ट व्यक्ति के प्रवास से उत्पन्न दु:ख अत्यन्त असह्य होते हैं।
Tags : संस्कृत संस्कृत सूक्ति
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Dirgh Sutri Vinashyati