द्वितीय पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल क्या था?

(A) 01 अप्रैल, 1961 से 31 मार्च, 1966
(B) 01 अप्रैल, 1974 से 31 मार्च, 1979
(C) 01 अप्रैल, 1951 से 31 मार्च, 1956
(D) 01 अप्रैल, 1956 से 31 मार्च, 1961

Answer : 01 अप्रैल, 1974 से 31 मार्च, 1979

Explanation : द्वितीय पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल 01 अप्रैल, 1956 से 31 मार्च, 1961 था। भारतीय सांख्यिकीय संगठन कोलकाता के निदेशक प्रो. पी.सी. महालनोबिस (P.C. Mahalnobis) के मॉडल पर आधारित द्वितीय पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल, 1956 से लागू की गई तथा 31 मार्च, 1961 को समाप्त हुई। इस योजना का मूलभूत उद्देश्य देश में औद्योगीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करना था, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ आधार पर सर्वांगीण विकास किया जा सके। इसके अतिरिक्त 1956 में घोषित की गई औद्योगिक नीति में समाजवादी ढंग के समाज (Socialistic Pattern of Society) की स्थापना को स्वीकार किया गया। राउरकेला (उड़ीसा), भिलाई (छत्तीसगढ़), एवं दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) इस्पात संयंत्रों की स्थापना के साथ इन्टेग्ररल कोच फैक्टरी एवं चितरंजन लोकोमोटिव्स भी इसी योजना की देन थी।

द्वितीय योजना में 1993—94 की कीमतों पर राष्ट्रीय आय में 4.1% की वार्षिक वृद्धि हुई, किन्तु प्रतिव्यक्ति आय में 2.0% की वार्षिक वृद्धि हुई। इस योजनावधि में राष्ट्रीय आय में 25% वृद्धि के लक्ष्य की प्राप्ति न होने का आंशिक कारण योजना में परिकल्पित आशावादी पूंजी उत्पाद अनुपात (Capital-Output Ratio) था। महालनोबिस मॉडल में यह 2 : 1 कल्पित किया गया था, किन्तु वास्तव में यह 1980—81 की कीमतों पर 3.40 : 1 का अनुमानित किया गया। द्वितीय योजना के कुल परिव्यय की राशि रु. 4672 करोड़ में से रु. 1049 करोड़ की विदेशी सहायता प्राप्त हुई जो कुल परिव्यय का 24 प्रतिशत थी। द्वितीय योजनाकाल में देश में मूल्य स्तर में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पहली योजना में इसमें 13 प्रतिशत की कमी आई।
Tags : द्वितीय पंचवर्षीय योजना पंचवर्षीय योजना राजव्यवस्था प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Dwitiya Panchvarshiya Yojana Ka Karyakal Kya Tha