गुनाहों का देवता उपन्यास PDF Download

gunahon-ka-devata
लेखक
धर्मवीर भारती और लक्ष्मीचंद्र जैन
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज
10.24 MB
कुल पृष्ठ
389
श्रेणी

अगर पुराने जमाने को नगर-देवता की और ग्राम-देवता को कल्पनाएं आज भी मान्य होती तो मैं कहता कि इलाहाबाद का नगर-देवता जरूर कोई रोमांटिक कलाकार है। ऐसा लगता है कि इस शहर की बनावट, गठन, ज़िंदगी और रहन-सहन में कोई बंधे-बंधाये नियम नहीं, कही कोई कसाव नहीं, हर जगह एक स्वच्छंद खुलाव, एक बिखरी हुई-सी अनियमितता। बनारस की गलियो से भी पतली गलियां, और लखनऊ की सडको से भी चौडी सडकें। यार्कशायर और ब्राइटन के उपनगरो का मुकाबला करने वाली सिविल लाइन्स और दलदलों की गंदगी को मात करने वाले मुहल्ले। मौसम में भी कही कोई सम नही, कोई सन्तुलन नही। सुबहें मलयजी, दोपहर अगारा, तो शामें रेशमी! धरती ऐसी कि सहारा के रेगिस्तान की तरह बालू भी मिले, मालवा की तरह हरेभरे खेत भी मिलें और ऊसर और परती की भी कमी नहीं। सचमुच लगता है कि प्रयाग का नगर-देवता स्वर्ग-कुजो से निर्वासित कोई मनमौजी कलाकार है जिस के सृजन में हर रग के डोरे हैं।

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