संभोग से समाधि की ओर – ओशो रजनीश

sambhog-se-samadhi-ki-ore
लेखक
ओशो रजनीश | Osho Rajneesh
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज
3 MB
कुल पृष्ठ
438

प्रेम क्या है? : जीना और जानना तो आसान है, लेकिन कहना बहुत कठिन है। जैसे कोई मछली से पूछे कि सागर क्या है? तो मछली कह सकती है, यह है सागर, यह रहा चारों और, वही है। लेकिन कोई पूछे कि कहो क्या है, बताओ मत, तो बहुत कठिन हो जायेगा मछली को। आदमी के जीवन में जो भी श्रेष्ठ है, सुंदर है, और सत्य है; उसे जिया जा सकता है, जाना जा सकता है। हुआ जा सकता है। लेकिन कहना बहुत कठिन बहुत मुश्किल है।

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