एक गैर-सदस्य के रूप में संसद के किसी एक सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है?

(A) उप-राष्ट्रपति
(B) अटार्नी-जनरल
(C) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग)
(D) चुनाव आयुक्त

Answer : अटार्नी-जनरल

Explanation : भारत सरकार का अटार्नी-जनरल अधिकारी सदस्य न होते हुए भी भारतीय संसद की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार रखता है। संविधान में अनुच्छेद 76 के अनुसार भारत के महान्यायवादी के पद की व्यवस्था की गयी है। जो देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। महान्यायवादी (अटार्नी जनरल) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होता है। उसमें उन योग्यताओं का होना आवश्यक है जो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए होती है। वह अपने पद पर राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत तक बना रह सकता है। वह राष्ट्रपति को कभी भी अपना त्यागपत्र सौंपकर पदमुक्त हो सकता है। भारत के किसी भी क्षेत्र में एवं किसी भी अदालत में महान्यायवादी को सुनवाई का अधिकार है। इसके अतिरिक्त संसद के दोनों सदनों में बोलने या कार्यवाही में भाग लेने या दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में मताधिकार के बगैर भाग लेने का अधिकार है। एक सांसद सदस्य की तरह इन्हें भी सभी भत्ते एवं विशेषाधिकार मिलते हैं।
Tags : अटार्नी-जनरल महान्यायवादी
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Web Title : Ek Gair Sadasya Ke Roop Mein Sansad Ke Kisi Ek Sadan Ki Karyawahi Mein Bhag Le Sakta Hai