गांधी जी की दृष्टि में अहिंसा का क्या अर्थ है?

(A) सत्य की प्राप्ति का रास्ता
(B) राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्ति का रास्ता
(C) ईश्वर-संस्मरण का एकमात्र रास्ता
(D) आत्मविलीनीकरण

Answer : सत्य की प्राप्ति का रास्ता

Explanation : गांधी जी के आंदोलन के दो अस्त्र प्रमुख थे, पहला सत्य और दूसरा अहिंसा। गांधी जी सत्य को साक्ष्य मानते थे और अहिंसा को इसका साधन। इस प्रकार गांधी जी की अहिंसा सत्य की प्राप्ति का ही एक मार्ग था। गाँधी जी कहते हैं कि हमारा समाजवाद अथवा साम्यवाद अहिंसा पर आधारित होना चाहिए जिसमें मालिक-मजदूर एवं जमींदार-किसान के मध्य परस्पर सद्भावपूर्ण सहयोग हो। नि:शस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी। सच्ची अहिंसा मृत्युशैया पर भी मुस्कराती रहेगी। बहादुरी, निर्भीकता, स्पष्टता, सत्यनिष्ठा, इस हद तक बढ़ा लेना कि तीर-तलवार उसके आगे तुच्छ जान पड़ें, यही अहिंसा की साधना है। शरीर की नश्वरता को समझते हुए, उसके न रहने का अवसर आने पर विचलित न होना अहिंसा है।
Tags : आधुनिक इतिहास इतिहास प्रश्नोत्तरी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
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Web Title : Gandhi Ji Ki Drishti Me Ahinsa Ka Kya Arth Hai