घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) योग्यता एवं सामर्थ्य न होने पर भी बढ़-चढ़ कर बातें करना
(B) छोटे में बड़ा अवगुणों में भारी
(C) दिखावटी ठाटबाट, पर सार कुछ नहीं
(D) छोटे लोगों का बढ़-चढ़कर बोलना

Answer : योग्यता एवं सामर्थ्य न होने पर भी बढ़-चढ़ कर बातें करना

Explanation : घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने का अर्थ ghar mein nahi daane amma chali bhunane है 'योग्यता एवं सामर्थ्य न होने पर भी बढ़-चढ़ कर बातें करना।' हिंदी लोकोक्ति घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने का वाक्य में प्रयोग होगा – यद्यपि भारत स्वयं अभाव की स्थिति में है तथापि वह पड़ोसी देशों की आर्थिक सहायता को तत्पर है फिर भी भारत के लिये यह नहीं कहा जा सकता कि घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने क्योंकि भारत के पास प्रचुर साधन है जिनका सदुपयोग करके भारत खुद भी आत्मनिर्भर हो सकता है तथा पड़ोसियों की भी सहायता कर सकता है। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Ghar Mein Nahi Daane Amma Chali Bhunane