Explanation : होशंगाबाद संभाग का नाम नर्मदापुरम 3 फरवरी 2022 को किया गया। मध्य प्रदेश सरकार ने होशंगाबाद जिले का नाम नर्मदापुरम और होशंगाबाद के बाबई का नाम महान कवि माखन लाल चतुर्वेदी के नाम पर माखन नगर कर दिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इन दोनों ही जगहों के नाम बदलने की घोषणा 3 फरवरी 2022 को सोशल मीडिया पर की थी। उसी को आगे बढ़ाते हुए नर्मदा जयंती पर होशंगाबाद का नाम बदला गया है। नर्मदापुरम् धार्मिक नगरी भी कहा जाता है, क्योंकि पूरे जिले में हजारों मंदिर हैं। यह सेठानीघाट सहित देवालयों के नाम से भी जाना जाता है।
जाने, नर्मदापुरम का इतिहास
–1405 ईस्वी में होशंग शाह के शासनकाल के दौरान ऐतिहासिक अभिलेखों में होशंगाबाद का पहली बार नाम सामने आया था।
–18वीं शताब्दी की शुरुआत में जिले को सात राजनीतिक प्रभागों में विभाजित किया गया था।
–1835 से 1842 तक होशंगाबाद, बैतूल और नरसिंहपुर जिलों को होशंगाबाद में मुख्यालय के साथ एक में रखा गया था।
–1948 में भारतीय संघ में राज्यों का विलय हुआ और होशंगाबाद जिले को भी भारतीय संघ में शामिल किया गया।
–मध्य प्रदेश के नए राज्य के गठन के बाद इसे 1956 में भोपाल कमिश्नर के डिवीजन में शामिल किया गया।
–1972 में तवा नदी परियोजना को तेज करने के लिए इसे भोपाल में मुख्यालय के साथ एक एकल जिला आयुक्त के रूप में घोषित किया गया था।
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