आईपीसी की धारा 44 क्या है- IPC Section 44 in Hindi
What is Section 44 of Indian Penal Code, 1860
January 17, 2019
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 44 के अनुसार, ‘क्षति’ — ‘क्षति’ शब्द किसी प्रकार की अपहानि का द्योतक है, जो किसी व्यक्ति के शरीर, मन, ख्याति या सम्पत्ति को अवैध रूप से कारित हुई हो।
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भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 153 के अनुसार,
बल्वा कराने के आशय से स्वैरिता से प्रकोपन देना–यदि बल्वा किया जाए–यदि बल्वा न किया जाए – जो कोई अवैध बात के करने द्वारा किसी व्यक्ति को परिद्वेष से या स्वैरिता से प्रकोपित इस आशय से या यह सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि ऐसे प्रकोपन के परिणामस्वरूप बल्वे का अपराध किया जाएगा, यदि ऐसे प्रकोपन के परिणामस्वरूप बल्वे का अपराध किया जाए, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, और यदि बल्वे का ...read more
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 63 के अनुसार,
जुर्माने की रकम — जहाँ कि वह राशि अभिव्यक्ति नहीं की गई है जितनी तक जुर्माना हो सकता है वहाँ अपराधी जिस रकम के जुर्माने का दायी है, वह अमर्यादित है, किन्तु अत्यधिक नहीं होगी। ...read more
61वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1989 – इस अधिनियम के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 326 का संशोधन करके मताधिकार की आयु 21 से घटकर 18 वर्ष कर दी गई है, ताकि देश के उस युवा-वर्ग को जिसे अभी तक कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाता था, अपनी भावनाएं व्यक्त करने का अवसर मिल सके और वही राजनीतिक प्रक्रिया का अंग बन सके।
The Constitution (Sixty-first Amendment) Act, 1989 – The Act provides for reducing voting age from 21 to 18 years by amending Article 326 of the Constitution to provide to the unrepresented yout ...read more
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 323 के अनुसार,
स्वेच्छया उपहति कारित करने के लिए दण्ड – उस दशा के सिवाय, जिसके लिये धारा 334 में उपबंध है, जो कोई स्वेच्छया उपहति कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
According to Section 323 of the Indian Penal Code 1860,
Punishment for voluntarily causing hurt — Whoever, except in the case provided for by Section 334, voluntari ...read more