जैन धर्म का आधारभूत बिंदु क्या है?

(A) कर्म
(B) निष्ठा
(C) अहिंसा
(D) विराग

Answer : अहिंसा

Explanation : जैन धर्म का आधारभूत बिंदु अहिंसा है। लेकिन जैन धर्म में 5 महाव्रतों का विधान भिक्षुओं के लिए किया गया है– पहला, सत्य व अमृषा–इसमें सदा सत्य एवं मधुर बोलने की बात कही गई है। दूसरा, अहिंसा–सभी प्रकार की मानसिक, वाचिक एवं कायिक हिंसा से बचने की बात कही गई है। यह जैन धर्म का सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्रत है। तीसरा, अपरिग्रह–इसमें सब प्रकार की सम्पित्ति अर्जन से भिक्षुओं को बचने की बात कही गई है। चौथा, अस्तेय–इसमें अनुमति के बिना किसी दूसरे की सम्पत्ति ग्रहण करने से बचने की बात कही गई है। पांचवा, ब्रह्चर्य–इसमें भिक्षुओं को पूर्ण ब्रह्चर्य व्रत का पालन करने की बात कही गई है।

आपको बता दे कि तीर्थकर पार्श्वनाथ द्वारा दिए गए 4 महाव्रतों में महावीर ने पांचवां व्रत ‘ब्रह्चर्य’ जोड़ा।
Tags : आधुनिक इतिहास इतिहास प्रश्नोत्तरी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
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Web Title : Jain Dharm Ka Adharbhoot Bindu Kya Hai