जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी का अर्थ

(A) समृद्धशाली राज्य इन्द्र के पद स्वर्ग के समान होता है।
(B) प्रियंवदा कहती है नवमालिका को गर्म जल से कौन सींचना चाहेगा।
(C) माता-जन्मभूमि और स्वर्ग से भी बड़ी होती है।
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : माता-जन्मभूमि और स्वर्ग से भी बड़ी होती है।

Explanation : संस्कृत सूक्ति 'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी' का हिंदी में अर्थ– माता-जन्मभूमि और स्वर्ग से भी बड़ी होती है। State TET, CTET, TGT, PGT आदि परीक्षाओं के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्कृत सूक्तियां हिंदी में अर्थ सहित पढ़े–
अवेहि मां कामुधां प्रसन्नाम्। (रघुवंशम् 02/63)
हिंदी में अर्थ– नन्दिनी गाय राजा से बोली– मैं प्रसन्न हूं वरदान मांगो! मुझे केवल दूध देने वाली गाय न समझो बल्कि प्रसन्न होने पर मुझे अभिलाषाओं को पूरी करने वाली समझो।

अनतिक्रमणीया नियतिरिति। (कादंबरी/चंद्रापीडकथा)
हिंदी में अर्थ– नियति अतिक्रमणीय होती है अर्थात् होनी नहीं टाला जा सकता।

मा ब्रूहि दीनं वच: (नीतिशतकम्)
हिंदी में अर्थ– दीन वचन मत बोलो।
Tags : संस्कृत संस्कृत सूक्ति
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Janani Janmabhoomi Swargadapi Gariyasi