कबीर के शिष्य कौन थे?
(A) चैतन्य के
(B) रामानंद के
(C) रामानुज के
(D) तुकाराम के
Question Asked : [UP Lower (Pre) 2002]
मध्यकालीन संतों में कबीरदास का साहित्यिक एवं ऐतिहासिक योगदान अविस्मरणीय है। कबीर रामांनद के शिष्य थे। ये निर्गुण भक्ति धारा के प्रमुख कवि थे। ये मूर्तिपूजा, बाह्रा आडंबर, अवतारवाद के विरोधी थे। इन्होंने निर्गुण ब्रह्रा की उपासना की। कबीर दास ने अपने दोहों के माध्यम से जनसाधारण को जागृत करने का प्रयास किया। रामांनद रामानुज की पीढ़ी के प्रथम संत थे। इन्होंने जातिवाद पर कड़ा प्रहार किया। इनके प्रमुख शिष्यों में कबीर, सेना, रैदास थे। हिंदी में उपदेश देने वाले रामानंद प्रथम वैष्णव संत थे। रामानुज ने 12वीं शताब्दी में विशिष्टाद्वैतवाद की स्थापना की। बंगाल में भक्ति आंदोलन के प्रवर्तक, कृष्ण भक्ति उत्रायक चैतन्य ने मूर्तिपूजा अवतारवाद, कीर्तन, उपासना आदि को महत्व दिया। इन्होंने 'गोसाई-संघ' की स्थापना की तथा संकीर्तन प्रथा को जन्म दिया। इनके दार्शनिक सिद्धांत को 'अचिंत्यभेदाभेदवाद' के नाम से जाना जाता है।
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Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी, प्राचीन काल भारत, मध्यकालीन भारत
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