कृषि क्षेत्र में किस प्रकार की बेरोजगारी पाई जाती है?
(A) खुली बेरोजगारी
(B) प्रच्छन्न बेरोज़गारी
(C) चक्रीय बेरोज़गारी
(D) संरचनात्मक बेरोजगारी
Answer : प्रच्छन्न बेरोज़गारी
Explanation : भारतीय कृषि क्षेत्र में प्रच्छन्न बेरोज़गारी पाई जाती है। प्रच्छन्न बेरोजगारी या गुप्त बेरोजगारी-भारत में किसान उत्पादन के लिए पुराने ढंग ही प्रयोग करते हैं क्योंकि वे गरीब हैं। वे भूमि के मालिक भी नहीं हैं। अगर खेती के आधुनिक तरीकों को अपनाया जाए तो ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जबकि भूमि के किसी टुकड़े पर परिवार के तीन सदस्यों के स्थान पर दो सदस्य ही काम चला सकते हैं, परन्तु काम के अभाव के कारण तीनों सदस्यों को उसी खेत पर काम करना पड़ता है। इस प्रकार उत्पन्न हुई बेरोजगारी को प्रच्छन्न कहा जाता है। प्रच्छन्न बेरोजगारी आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाती है। क्योंकि बहुत से परिवारों के पास छोटे खेत होते हैं, परन्तु उन पर परिवार के सारे सदस्य काम करते हैं। जहां दो व्यक्ति खेती व्यक्ति खेती के काम को पूरा कर सकते हैं वहां पांच सदस्य लगे हए हैं परन्तु सकते लिए वहाँ पूरा काम नहीं हो तो। ऐसे परिवार में दो या तीन सदस्य यदि कोई और काम कर लें, जैसे किसी कारखाने में काम कर लें तो खेती के कार्य को फर्क नहीं पड़ेगा।
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