कृषि में शून्य जुताई के क्या लाभ है?

(A) पिछली फसल के अवशेषों को जलाए बिना गेहूँ की बुआई संभव है।
(B) चावल की नई पौध की नर्सरी बनाए बिना, धान के बीजों का नम मृदा में सीधे रोपण संभव है।
(C) मृदा में कार्बन पृथक्करण संभव है।
(D) उपयुक्त सभी

Answer : उपयुक्त सभी

Explanation : कृषि में शून्य-जुताई (Zero-tillage) से तात्पर्य खेती के उस तरीके से है, जिसमें भूमि को बिना जोते ही कई वर्ष तक फसलें उगाई जाती हैं। यह खेती की नई विधि है। इसके कई लाभ हैं पिछली फसल के अवशेषों को जलाए बिना गेहूँ की बुआई संभव है। इससे इन्हें संरक्षण भी मिलता है तथा भूमि में नई फसल के लिए नमी बची रहती है। चावल की नई पौध की नर्सरी बनाए बिना, धान के बीजों का नम मृदा में (मशीन) सीधे रोपण सम्भव है। मृदा में कार्बन पृथक्करण संभव है। शून्य जुताई से मिट्टी के बड़े टुकड़ों में जैविक कार्बन बरकरार रहता है। इसके अतिरिक्त भूमि का अपरदन बहुत कम होता है। भूमि के बाहर और भीतर जैव-विविधता की क्षति नहीं होती है।
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Krishi Mein Shunya Jutai Ke Kya Labh Hai