महाजनो येन गतः स पन्थाः का अर्थ

(A) सभी प्राणियों को अपने समान समझना चाहिए।
(B) मूख को उपदेश देने से उसका क्रोध शान्त नहीं होता।
(C) पेट भरने के लिए अनेक प्रकार के रूप बनाने पड़ते हैं।
(D) महपुरुष जिस पथ से जाते हैं, वही मार्ग अनुकरणीय है।

Answer : महपुरुष जिस पथ से जाते हैं, वही मार्ग अनुकरणीय है।

Explanation : महाजनो येन गतः स पन्थाः का अर्थ महपुरुष जिस पथ से जाते हैं, वही मार्ग अनुकरणीय है। यह संस्कृत की प्रसिद्ध कहावत है। महाजनो येन गतः स पन्थाः श्लोक, महाजनो येन गतः स पन्थाः मीनिंग इन हिंदी शब्दार्थ है महपुरुष जिस पथ से जाते हैं, वही मार्ग अनुकरणीय है। संस्कृत के मुहावरे एवं संस्कृत लोकोक्तियाँ के अर्थ सामान्य हिंदी के पेपर में अक्सर पूछे जाते है। संस्कृत की एक प्रचलित कहावत यह भी है–
किं जीवितेन् पुरुषस्य निरक्षरेण।
अर्थ – मनुष्य के निरक्षर-जीवन से क्या लाभ।
Tags : संस्कृत मुहावरे संस्कृत लोकोक्तियाँ
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Web Title : Mahajano Yen Gatah Sa Panthah