महान्यायवादी का वेतन कितना है?

(A) 30000 प्रतिमाह
(B) 45000 प्रतिमाह
(C) 60000 प्रतिमाह
(D) 90000 प्रतिमाह

Answer : 90000 प्रतिमाह

Explanation : भारत के महान्यायवादी का वेतन 90000 प्रतिमाह होता है, जो राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किया जाता है। भारत के महान्यायवादी यानि अटॉर्नी जनरल Attorney General of India को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के वेतन के बराबर भुगतान किया जाता है। इसी तरह संविधान द्वारा महान्यायावादी का कार्यकाल भी निश्चित नहीं किया गया है तथा वह अपने पद पर राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त तक बने रह सकता है। भारत का महान्यायवादी देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्रिमंडल के साथ सलाह पर संविधान के अनुच्छेद 76 के अन्तर्गत करता है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यता रखने वाले व्यक्ति को महान्यायावादी के पद पर नियुक्त किया जा सकता है अर्थात् उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काम करने का 5 वर्षो का अनुभव हो या राष्ट्रनपति के अनुसार वह पारंगत विधिवेत्ता हो। एम.सी. सीतलवाड ने 1950 से 1963 तक भारत के लिए पहले अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य किया था।

महान्यायावादी के कार्य एवं शक्तियाँ हैं–राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए कर्तव्यों का पालन, भारत सरकार को विधिक सलाह देना, उच्चतम न्यायालय में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना एवं सरकार की ओर से पेश होना, सरकार से संबंधित किसी मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई का अधिकार आदि। भारत के किसी भी क्षेत्र में, किसी भी अदालत में महान्यायवादी को सुनवाई का अधिकार है। एक सांसद की तरह सभी भत्ते एवं विशेषाधिकार उसे मिलते हैं। लेकिन महान्यायवादी पर कुछ सीमाएँ भी निर्धारित की गई हैं, जैसे—बिना भारत सरकार की अनुमति के वह किसी भी आपरातधिक मामलों में व्यक्ति का बचाव नहीं कर सकता है, भारत सरकार के विरुद्ध कोई सलाह नहीं दे सकता है, बिना सरकार की अनुमति के वह कंपनी के निदेशक का पद ग्रहण नहीं कर सकता आदि।
Tags : भारत के राज्यपाल महान्यायवादी राजव्यवस्था प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Mahanyayvadi Ka Vetan Kitna Hai