मन रे तन कागद का पुतला में कौन सा रस है?

(A) भक्ति रस
(B) श्रृंगार रस
(C) करुण रस
(D) शांत रस

Answer : शांत रस

Explanation : मन रे तन कागद का पुतला। लागै बूँद बिनसि जायस छिन में गरब करै क्यों इतना। इन पंक्तियों में शांत रस है। शांत रस की परिभाषा अनुसार – संसार की नश्वरता और ईश्वर की सत्ता का ज्ञान को जाने पर सांसारिक माया-मोह के प्रति ग्लानि या वैराग्य सा हो जाता है। इस वैराग्य भावना को ही 'विर्नेद' कहते हैं, यही ​'निर्वेद' स्थायी भाव; विभाव, अनुभाव तथा संचारी भावों से संयुक्त होकर रस रूप में परिणत हो जाता है, तब 'शांत रस' कहलाता है। सामान्य हिंदी के अन्तर्गत रस संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। जो आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड., आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी होते है।
Tags : रस के अंग रस के प्रकार रस हिन्दी व्याकरण शांत रस
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Man Re Tan Kagad Ka Putla Me Kaun Sa Ras Hai