मनसबदारी प्रथा कहाँ से ली गयी थी?
(A) मोरक्को
(B) मंगोलिया
(C) ईरान
(D) इराक
Explanation : मनसबदारी प्रथा मंगोलिया से ली गयी थी। यह मुगल काल में प्रचलित थी, जो मूल रूप से मंगोलिया की थी। अकबर ने भारत में इसकी शुरूआत 1575 में की। 'मनसब' फारसी भाषा का शब्द है। इस शब्द का अर्थ है पद, दर्जा या ओहदा। जिस व्यक्ति को अकबर मनसब देता था, उस व्यक्ति को मनसबदार (Mansabdar) कहा जाता था। अकबर ने अपने प्रत्येक सैनिक और असैनिक अधिकारी को कोई-न-कोई मनसब (पद) अवश्य दिया। अकबर ने अपने संपूर्ण मनसब को अल्लाह शब्द की गणना के योग अर्थात् 1+30+ 30+ 5=66 श्रेणियों में विभाजित किया था, किन्तु अबुल फजल ने केवल 33 श्रेणियों का ही उल्लेख किया है। अकबर ने अपने अंतिम वर्षों में मनसबदारी व्यवस्था में जात एवं सवार नामक द्वैध मनसब प्रथा को प्रारंभ किया। शाहजहां ने अपने शासनकाल में मनसबदारी अवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उन मनसबदारों के लिए नियम बनाया, जो अपने पद की तुलना में घुड़सवारों की संख्या कम रखते थे। औरंगजेब के समय में समक्ष मनसबदारों के किसी महत्वपूर्ण पद पर जैसे फौजदार या किलेदार आदि पर पर नियुक्त या फिर किसी महत्वपूर्ण अभियान पर जाते समय उसके सवार पद में अतिरिक्त वृद्धि का एक और माध्यम निकाला गया, जिसे मसाहत कहा गया।
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Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी, मध्यकालीन भारत प्रश्नोत्तरी
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