नाक का मोती अधर की कांति से में कौन सा अलंकार है?

(A) भ्रांतिमान अलंकार
(B) संदेह अलंकार
(C) व्यतिरेक अलंकार
(D) अतिशयोक्ति अलंकार

Answer : भ्रांतिमान अलंकार

Explanation : नाक का मोती अधर की कांति से, बीज दाड़िम का समझ कर भ्रांति से, देखकर सहसा हुआ शुक मौन है; सोचता है अन्य शुक यह कौन है? पंक्ति में भ्रांतिमान अलंकार होता है। उर्मिला की नाक में पहने हुए मोती पर ओठों की लाल आभा पड़ती है; जिससे वह अनार का बीज लगता है। तोता उर्मिला की नाक की कोई दूसरा तोता समझने लगता है। इस भ्रम के कारण यहां भ्रान्तिमान अलंकार है।
भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा – जब भ्रमवश किसी एक चीज को देखकर उसके समान किसी अन्य वस्तु का भ्रम हो तब भ्रांतिमान अलंकार होता है। सामान्य हिंदी प्रश्न पत्र में भ्रांतिमान अलंकार संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए यह प्रश्न आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड, आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी साबित होगें।
Tags : अलंकार अलंकारिक शब्द भ्रांतिमान अलंकार
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Naak Ka Moti Adhar Ki Kanti Se Main Alankar