नदी का जल प्रदूषण किससे मापा जाता है?

(A) जल में घुली क्लोरीन की मात्रा से
(B) जल में घुली ओजोन की मात्रा से
(C) जल में घुली नाइट्रोजन की मात्रा से
(D) जल में घुली ऑक्सीजन की मात्रा से

Question Asked : UPPSC RO/ARO Exam 2021

Answer : जल में घुली ऑक्सीजन की मात्रा से

Explanation : नदी का जल प्रदूषण जल में घुली ऑक्सीजन की मात्रा से मापा जाता है। नदी में जल में घुली हुई ऑक्सीजन (O2) की मात्रा या BOD (Biochemical Oxygen Demand) द्वारा जल के प्रदूषण का स्तर ज्ञात किया जाता है। प्रदूषित जल में अपशिष्ट कार्बनिक पदार्थों का आधिक्य होता है। अतः जब जल में उपस्थित सूक्ष्मजीव इनका विघटन करते हैं, तो ऑक्सीजन की खपत बढ़ जाती है। इस कारण जल में घुलित ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen or DO) की मात्रा अत्यन्त कम हो जाती है तथा इसकी कमी के कारण जलीय जीव मरने लगते हैं। अतः ऑक्सीजन की वह मात्रा, जो सूक्ष्मजीवों को जल में उपस्थित कार्बनिक अपशिष्ट पदार्थों के पूर्ण विघटन के लिए आवश्यक होती है, जैव रासायनिक ऑक्सीजन माँग (Biochemical Oxygen Demand, BOD) कहलाती है। उच्च BOD की मात्रा अधिक जल प्रदूषण का संकेत होती है। पेयजल को BOD सदैव 0-1 ppm के मध्य होनी चाहिए।
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Nadi Ka Jal Pradushan Kisse Mapa Jata Hai