नास्तिको वेदनिन्दकः का अर्थ

(A) सज्जन लोगों का धैर्य ही धन होता है।
(B) सभी लोग सब कुछ नहीं जानते हैं।
(C) वेदों की निन्दा करने वाला नास्तिक है।
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : वेदों की निन्दा करने वाला नास्तिक है।

Explanation : संस्कृत सूक्ति 'नास्तिको वेदनिन्दकः' का हिंदी में अर्थ– वेदों की निन्दा करने वाला नास्तिक है। संस्कृत की यह सूक्ति मनुस्मृति 2/11 से ली गई है। State TET, CTET, TGT, PGT आदि परीक्षाओं के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्कृत सूक्तियां हिंदी में अर्थ सहित पढ़े–
एको हि दोषो गुणसन्निपाते निमज्जतीन्दो: किरणेष्विवाड़्क:। (कुमारसम्भवम्– 01/03)
हिंदी में अर्थ– अनेक गुणों के होने पर एक दोष चन्द्रमा की किरणों में कलंक के समान छिप जाता है।

ओदकान्तं स्निग्धो जनोsनुगन्तव्य:। (अभिज्ञान शाकुन्तलम्)
हिंदी में अर्थ– शार्ड़्गरव कहता है– भगवन्! प्रिय व्यक्ति का जल के किनारे तक अनुगमन करना चाहिए, ऐसी श्रुति है।

वनौकसोsपि सन्तो लौकिकज्ञा वयम् (अभिज्ञान शाकुन्तलम् अड़्क-4)
हिंदी में अर्थ– कण्व कहते हैं– 'वनवासी होते हुए भी हम लोग लौकिक व्यवहारों को जानने वाले हैं।'
Tags : संस्कृत संस्कृत सूक्ति
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Nastiko Vednindakah