नाजी पार्टी का प्रतीक चिन्ह क्या था?
(A) कमल
(B) चील
(C) स्वास्तिक
(D) तलवार
Explanation : नाजी पार्टी का प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक था। वर्ष 1920 में नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी जिसे नाजी पार्टी कहा जाता था, के नेता एडोल्फ हिटलर ने स्वास्तिक को अपनी पार्टी का प्रतीक चुना। इसे जर्मन में हेकेनक्रुएज़ कहा जाता है। हिटलर में खुद को आर्यन यानी सर्वश्रेष्ठ नस्ल बताने की सोच के कारण यह चिन्ह चुना था। नाजी पार्टी के अपनाने से पहले स्वास्तिक दुनिया के कई देशों में सौभाग्य का प्रतीक रहा, इसका यूरोप में प्रमाण भी मिलता है।
स्वास्तिक चिन्ह मंगल कार्य का प्रतीक है। जिसका संस्कृत में अर्थ है सौभाग्य। प्राचीन समय में पश्चिमी देशों से आ रहे यात्रियों ने इस चिह्न को अपना लिया और उसे अपनी संस्कृति तक लेकर गए। पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार खुदाई में ये चीन, मंगोलिया से लेकर जापान, ब्रिटेन और यहां तक कि अमेरिका में भी मिल चुका है। स्वास्तिक चिन्ह को अलग-अलग देशों में अलग नाम से पुकारा जाता है, जैसे चीन में वान, जापान में मंजी, ब्रिटेन में फिलफिट, ग्रीस में टेट्रागैमेडिअन और जर्मनी में हेकेनक्रुएज़। भारतीय संस्कृति में इसीलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले स्वास्तिक चिन्ह अंकित करके उसका पूजन किया जाता है। स्वास्तिक शब्द सु + अस + क से बना है। सु का अर्थ अच्छा, अस का अर्थ सत्ता या अस्तित्व और क का अर्थ कर्ता या करने वाले से है। इस प्रकार स्वास्तिक शब्द का अर्थ अच्छा या मंगल करने वाला है।
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