भारत में न्यायिक पुनरीक्षण का अर्थ क्या है?

(A) विधियों और कार्यपालिका के आदेशों की सांविधानियका के विषय में प्राख्यापन करने का न्यायपालिका का अधिकार
(B) विधानमंडलों द्वारा निर्मित विधियों के प्रज्ञान के प्रश्नगत करने का न्यायपालिका का अधिकार
(C) न्यायपालिका का सभी विधायी अधिनियमनों के राष्ट्रपति द्वारा उन पर सहमति प्रदान किए जाने के पूर्व पुनरीक्षण का अधिकार
(D) न्यायपालिका का समान या भिन्न वादों में पूर्व में दिए गए स्वयं के निर्णयों के पुनरीक्षण का अधिकार

Answer : विधियों और कार्यपालिका के आदेशों की सांविधानियका के विषय में प्राख्यापन करने का न्यायपालिका का अधिकार

न्यायिक पुनरावलोकन अथवा न्यायिक पुनरीक्षण उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसके अंतर्गत कार्यकारिणी के कार्यों (तथा कभी-कभी विधायिका के कार्यों) का न्यायपालिका द्वारा पुनरीक्षण का प्रावधान हो। दूसरे शब्दों में, न्यायिक पुनरावलोकन से तात्पर्य न्यायालय की उस शक्ति से है, जिस शक्ति के बल पर वह विधायिका द्वारा बनाए कानूनी, कार्यपालिका द्वारा जारी किए गए आदेशों तथा प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों की जांच करता है कि वे मूल ढांचे के अनुरूप हैं या नहीं। अत: विकल्प (A) सही उत्तर है।
Tags : भारतीय संविधान प्रश्नोत्तरी राजव्यवस्था प्रश्नोत्तरी संविधान
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Web Title : Nyayik Punarikshan Ka Arth