प्रारभ्यते न खलु विघ्नभयेन नीचैः का अर्थ

(A) राजकुमार चंद्रापीड अपने स्थान को लौटने का अनुरोध कर रहे हैं।
(B) मित्र के प्राणों की रक्षा हर प्रकार से करनी चाहिए।
(C) नीचे लोग विघ्नों के भय से कार्य प्रारम्भ ही नहीं करते।
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : नीचे लोग विघ्नों के भय से कार्य प्रारम्भ ही नहीं करते।

Explanation : संस्कृत सूक्ति 'प्रारभ्यते न खलु विघ्नभयेन नीचैः' का हिंदी में अर्थ– नीचे लोग विघ्नों के भय से कार्य प्रारम्भ ही नहीं करते। संस्कृत की यह सूक्ति मुद्राराक्षस/नीतिशतक 2/7 से ली गई है। State TET, CTET, TGT, PGT आदि परीक्षाओं के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्कृत सूक्तियां हिंदी में अर्थ सहित पढ़े–
क्षत्रस्य शब्दो भुवनेषु रूढ:। (रघुवंशम् 2/53)
हिंदी में अर्थ– महर्षि वशिष्ठ के प्रभाव से मेरे ऊपर यमराज भी आक्रमण करने में समर्थ नहीं है तो सांसारिक हिंसक पशुओं का तो कहना ही क्या?

गरीयषी गुरो: आज्ञा। (कादंबरी/चंद्रापीडकथा)
हिंदी में अर्थ– गुरुजनों (बड़ों) की आज्ञा महान् होती है अत: प्रत्येक मनुष्य को उसका पालन करना चाहिए।

स्वाधीनोsयं जन: कुमारस्य कोsत्रानुरोध:। (कादंबरी/चंद्रापीडकथा)
हिंदी में अर्थ– राजकुमार चंद्रापीड अपने स्थान को लौटने का अनुरोध कर रहे हैं।
Tags : संस्कृत संस्कृत सूक्ति
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Prarabhyate Na Khalu Vighnabhayen Nichaiah