राजतरंगिणी पुस्तक के लेखक कौन है?

(A) बाणभट्ट
(B) कल्हण
(C) सोमदेव
(D) जयदेव

Question Asked : RAS/RTS Opt History 1995-96, SSC CGL Exam 2018

Answer : कल्हण (Kalhana)

राजतरंगिणी पुस्तक के लेखक कल्हण है। कल्हण एक सुसंस्कृत शिक्षित कश्मीरी ब्राह्मण कवि थे जिसके राजपरिवारों में अच्छे संबंध थे। कश्मीर निवासी कल्हण, जिनका वास्तविक नाम कल्याण था, संस्कृत के श्रेष्ठ ऐतिहासिक महाकाव्यकार माने जाते हैं। उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक राजतरंगिणी प्राचीन भारत का पहला प्रशस्ति ग्रंथ है जिसमें ऐतिहासिक विवरण एवं तथ्यात्मक जानकारी प्रदान की गई है। इस ग्रंथ की रचना कश्मीरी नरेश जयसिंह के काल में हुई। इसमें 8 तरंगों में कश्मीर का इतिहास आरंभ से 12वीं शताब्दी तक लिखा गया है। 'राजतरंगिणी' संस्कृत भाषा में ऐतिहासिक घटनाओं को क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत करने का प्रथम प्रयास है। कल्हण के विवरण में निष्पक्षता और यथार्थता है। संस्कृत भाषा में रचित यह ग्रंथ भू-वैज्ञानिक युग से प्रारंभ होकर 12वीं शदी के कश्मीर तक का उल्लेख करता है।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी मध्यकालीन भारत
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Rajatarangini Pustak Ke Lekhak Kaun Hai