रेपो रेट किसके अंतर्गत विचारणीय होता है?

(A) मौद्रिक नीति के अंतर्गत
(B) राजकोषीय नीति के अंतर्गत
(C) श्रमनीति के अंतर्गत
(D) जनसंख्या नीति के अंतर्गत

Question Asked : UPPCS (Mains) 2017

Answer : मौद्रिक नीति के अंतर्गत

Explanation : रेपो रेट (Repurchase option Rate) — जब कोई व्यक्ति या संस्था इस समझौते या विकल्प के साथ कोई प्रतिभूति किसी को बेचता है कि वह उसे एक निश्चित अवधि के बाद क्रय कर लेगा, तो इसे सामान्यतया रेपो (Repo) या पुनर्क्रय विकल्प कहते हैं तथा जब कोई क्रेता इस समझौते के अंतर्गत कोई प्रतिभूति क्रय करता है कि एक निश्चित अवधि के बाद उसे विक्रेता को बेच देगा, तो इसे रिवर्स रेपो (Reverse Repo) कहते हैं। ये दोनों क्रियाएं मौद्रिक अधिकारी द्वारा अर्थव्यवस्था में तरलता प्रबंधन या तरलता समायोजना के लिए की जाती है। रेपो का प्रयोग तरलता डालने तथा रिवर्स रेपो का प्रयोग तरलता अधिशोषण या निकालने के लिए किया जाता है। स्पष्ट है कि रेपो तरलता डालने की क्रिया तभी होगी जब मौद्रिक अधिकरी प्रतिभूतियों को व्यापारिक बैंकों से क्रय करें तथा इस प्रकार प्रतिभूतियों के क्रय के माध्यम से बैंकों को उधार दे, जिससे उनकी तरलता में वृद्धि होगी। इस स्थिति में रेपो दर मौद्रिक अधिकारी (RBI) द्वारा बैंकों को उधार देने की दर होगी। इस प्रकार रेपो दर मौद्रिक अधिकारी की अन्य बैकों को उधार देने की क्रिया होती है। ठीक इसके विपरीत रिवर्स रेपो बैंकों से जमा स्वीकार करने या उधार लेने की दर होगी। रेपो दर का प्रयोग मौद्रिक नीति के अंतर्गत सांख नियंत्रण के तौर पर किया जाता है। यह क्रिया मौद्रिक नीति के परिमाणात्मक या मात्रात्मक तरीके के अंतर्गत उपयोग में लाई जाती है।
Tags : अर्थव्यवस्था प्रश्नोत्तरी
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Repo Rate Kiske Antargat Vicharniya Hota Hai