संवैधानिक उपचारों में से किसे पोस्टमार्टम भी कहा जाता है?

(A) प्रतिषेध
(B) परमादेश
(C) उत्प्रेषण
(D) अधिकार पृच्छा

Answer : उत्प्रेषण

Explanation : संवैधानिक उपचारों में उत्प्रेषण को पोस्टमार्टम भी कहा जाता है। अनुच्छेद 32 के तहत उपबंधित संवैधानिक उपचारों का अधिकार एक महत्वपूर्ण मूल अधिकार है। जिसे डा. वी.आर. अंबेडकर ने संविधान का हृदय व आत्मा कहा है। जिसके अंतर्गत जब किसी व्यक्ति के मूल अधिकार का उल्लंघन होता है तब वह उपचार के लिए उच्च/उच्चतम न्यायालय की शरण ले सकता है। मूल अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उच्चतम न्यायालय को अनुच्छेद 32 (2) के तहत निम्न पाँच रिट जारी करने की शक्ति है। (i) बंदी प्रत्यक्षीकरण (ii) परमादेश (iii) प्रतिषेध (iv) उत्प्रेषण (v) अधिकार पृच्छा। उत्प्रेक्षण के लिए पोस्टमार्टम शब्द का प्रयोग होता है क्योंकि इसी के अन्तर्गत उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय अधीनस्थ न्यायालयों में चल रहे मुकदमों के प्रलेख को अपने पास मंगाकर समीक्षा कर सकते हैं।
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Web Title : Samvaidhanik Upcharo Me Se Kise Postmortem Bhi Kaha Jata Hai