संस्कृत कृति ‘प्रबोध चंद्रोदय’ का अनुवाद फारसी में किया गया, जिसका शीर्षक था?
(A) अनवारे सुहेली
(B) चार चमन
(C) गुलजारे हाल
(D) तिब्ब-ए-सिकंदरी
Question Asked : [UPPCS (Pre) GS Ist History 2002]
आनंदवर्धन ने संस्कृत ग्रंथ 'प्रबोध चंद्रोदाय' की रचना की थी। इसका फारसी अनुवाद 'गुलजारे हाल' शीर्षक से किया गया। अन्य संस्कृत की पुस्तकें जिनका अनुवाद फारसी मे किया गया महाभारत का अनुवाद, नकीब खां, बदायूंनी, अबुल फजल, फैजी आदि विभिन्न विद्वानों के सम्मिलित प्रयत्नों से किया गया, बदायूंनी ने रामायण का अनुवाद किया। उसने 'अर्थवेवद का अनुवाद आरंभ किया और उसकी पूर्ति हाजी इब्राहिम सरहिंदी ने की। लीलावती का अनुवाद फैजी ने किया। राजतरंगिणी का अनुवाद शाह मुहम्मद शाहावादी ने, 'कालिय दमन' का अबुल फजल ने, 'नल दमयन्ती' का फैजी ने और हरिवंश का अनुवाद मौलाना शेरी ने किया।
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Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी, प्राचीन काल भारत, मध्यकालीन भारत
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