सतत और व्यापक मूल्यांकन क्यों आवश्यक है?

(A) शिक्षार्थी की प्रगति निरन्तर न बनाए रखने के लिए
(B) शिक्षार्थियों ने कितना नहीं सीखा है जानने के लिए
(C) निरन्तर मूल्यांकन होते रहने से शिक्षार्थियों में परीक्षा का अनावश्यक भय नहीं होता है।
(D) परीक्षा प्रणाली को महत्व देने हेतु

Answer : निरन्तर मूल्यांकन होते रहने से शिक्षार्थियों में परीक्षा का अनावश्यक भय नहीं होता है।

Explanation : सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन से विद्या​र्थी के अधिगम स्तर को जाना जा सकता है तथा आवश्यक उपचार किया जा सकता है। जिससे छात्र को अधिगम सम्बन्धी समस्याओं के कारण अवरोध न उत्पन्न हो तथा साथ ही निरन्तर मूल्यांकन होने से विद्यार्थियों में परीक्षा का आवश्यक भय भी नहीं रहता।
Tags : बाल विकास शिक्षाशास्त्र
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Satat Aur Vyapak Mulyankan Kyon Avashyak Hai