शिशुपालवधम् प्रथम सर्ग में कौनसा छंद है?

(A) मालिनी
(B) वंशस्थ
(C) उपेन्द्रवज्रा
(D) शिखरिणी

Answer : वंशस्थ

Explanation : शिशुपालवध के प्रथम सर्ग में प्रयुक्त छद वंशस्थ है। इस महाकाव्य के प्रारम्भ से 73वें श्लोक तक वंशस्थ छन्द का प्रयोग किया है। महाकाव्य के लक्षण के अनुसार सर्ग के अन्त के दो अथवा एक छन्द भिन्न होता है उसी के अनुसार प्रथम सर्ग में कुद वंशस्थ छन्द है। अन्त के दो छन्द क्रमश: पुष्पिताग्रा तथा शार्दूलविक्रीडित हैं। शार्दूलवि​क्रीडित का लक्षण है– 'सूर्याष्वैर्मसजास्तता: सगुरव:, शार्दूलविक्रीडितम्' अर्थात् जिस छन्द के प्रत्येक चरण में क्रमश: मगण, सगण, जगण, सगण, तणग, तगण, तथा एक गुरु वर्ण आये उसे शार्दूलविक्रीडित कहते हैं। इस छन्द से सूर्य (=12) तथा अश्व (=7) संख्यक अक्षरों पर यति होती है। इसके प्रत्येक चरण में 19 वर्ण होते हैं, जैसे-'ओमित्यक्तवतोsथ शार्ड़्गिण इति व्याहृत्य वाच नभ' पुष्पिताग्रा छन्द के लक्षण हैं– 'अयुजि नयुगरेफतो यकारो युजि च नजौ जरगाश्च पुष्पिताग्रा' इस छन्द का उदाहरण है– हृदयमरिवधोदयादुदूढद्रढिम दधातु पुन: पुरन्दरस्य।
Tags : संस्कृत
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Shishupalavadham Pratham Sarg Mein Kaun Sa Chhand Hai