शून्यकाल में कितने मामले उठाए जा सकते है?

(A) प्रतिदिन 10 मामले
(B) प्रतिदिन 20 मामले
(C) प्रतिदिन 25 मामले
(D) प्रतिदिन 30 मामले

Answer : प्रतिदिन बीस मामले

Explanation : वर्तमान में शून्यकाल के दौरान बैली की प्राथमिकता के आधार पर प्रतिदिन बीस मामले उठाए जाने की अनुमति है। उठाए जाने वाले मामलों के क्रम का निर्णय अध्यक्ष महोदय के विवेकानुसार किया जाता है। पहले चरण में अविलम्बनीय राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के 5 मामले, जैसा कि अध्यक्षपीठ द्वारा निर्णय लिया जाए, प्रश्न काल और पत्रों को पटल पर रखने आदि के बाद लिए जाते हैं। दूसरे चरण में अ​विलम्बनीय लोक महत्व के शेष स्वीकृत मामले सायं 6.00 बजे के बाद या सभा के नियमित कार्य के पश्चात् लिए जाते हैं। आपको बता दे कि भारत में शून्य काल की शुरुआत वर्ष 1962 में हुई। ‘शून्य काल’ (Zero Hour) विशिष्ट भारतीय संसदीय व्यवहार है। प्रश्न काल और सभापटल पर पत्र रखे जाने के तत्काल पश्चात तथा किसी सूचीबद्ध कार्य को सभा द्वारा शुरू करने के पहले का लोकप्रिय नाम ‘शून्य काल’ है। चूंकि यह मध्याह्न 12 बजे शुरू होता है इसीलिए इसे शून्य काल कहते हैं।
Tags : राजव्यवस्था प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Shunyakaal Mein Kitne Mamle Uthaye Ja Sakte Hai