सोनार का प्रयोग कहां होता है?

(A) अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा
(B) डॉक्टरों द्वारा
(C) इंजीनियरों द्वारा
(D) नौसंचालकों द्वारा

Question Asked : UP PSC PT Exam 19-12-2004

Answer : नौसंचालकों द्वारा

Explanation : सोनार का प्रयोग नौसंचालकों द्वारा होता है। ध्वनि के परातर्वन के परासन (Ranging) दूरी जानने की विधि तथा परावर्तक की प्रकृति ज्ञात करने की सिद्धांत पर सोनार (SONAR) नामक यंत्र की रचना की जाती है। सोनार (Sound Navigation and Ranginng) का संक्षिप्त नाम है। यह यंत्र ध्वनि उत्पन्न करता है तथा ध्वनि एवं प्रतिध्वनि का समय अंतराल (time interval) ठीक-ठीक नापता है। इसके अतिरिक्त ध्वनि की अपेक्षा प्रतिध्वनि की तीव्रता कितनी अधिक है उसकी भी सूचना इससे मिलती है। समुद्र में चलने वाले जहाजों में सोनार की व्यवस्था कर जल की गहराई नापी जाती हे। ऐसी व्यवस्था से मछलियों के झुंडों की भी दूरी ज्ञात की जाती है। सोनार (Sonar) का प्रयोग नौसंचालकों या नाविकों द्वारा किया जाता है। सोनार की सहायता से महासागर में डूबी हुई वस्तु की स्थिति जानने के लिए उच्च आवृत्ति की पराश्रव्य तरंगों को महासागर की गहराई में भेजा जाता है। ये तरंगे उस वस्तु से टकराकर प्रतिध्वनि के रूप में लौट आती है। जिनकी सहायता से महासागर में डूबी हुई वस्तु की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल जाती है।
सनद रहे कि प्रतियोगी परीक्षाओं में ​भौतिक विज्ञान Physics GK से संबंधित सामान्य भौतिकी, ऊष्मा, तरंग गति और ध्वनि, प्रकाशिकी, स्थिर वैद्युतिकी, विद्युत धारा तथा चुम्बकत्व, आधुनिक भौतिकी, खगोलीय तथा अंत​रिक्ष विज्ञान, प्रमुख वैज्ञानिक उपकरण, आविष्कार, आविष्कारक, अनुसंधान संस्थान, विज्ञान की प्रमुख शाखाएँ आदि पर अनेक प्रश्न पूछे जाते है।
Tags : भौतिक विज्ञान प्रश्नोत्तरी
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Sonar Ka Prayog Kahan Hota Hai