सूर-सूर तुलसी ससी उडगन केशवदास अब के छवि खद्योत सम जहं-तहं करत प्रकास।। में कौन-सा अलंकार है?
(A) अनुप्रास अलंकार
(B) यमक अलंकार
(C) उत्प्रेक्षा अलंकार
(D) विरोधाभास अलंकार
Explanation : सूर-सूर, तुलसी शशि, उडुगन केशवदास। अब के कवि खद्धोत सम, जहं तहं करत प्रकाश।। पंक्ति में यमक अलंकार है। यमक अलंकार की परिभाषा – जब कविता में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ हर बार भिन्न हो वहां 'यमक' अलंकार होता है। सामान्य हिंदी प्रश्न पत्र में यमक अलंकार संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए यह प्रश्न आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड, आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी साबित होगें।
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Tags : अलंकार, अलंकारिक शब्द, यमक अलंकार
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