स्वभावो दुरतिक्रमः का अर्थ

(A) सभी लोग सब कुछ नहीं जानते हैं।
(B) प्रिय झूठ नहीं बोलना चाहिए यही सनातन धर्म है।
(C) माल्यवान् की कही हुई हितकर बातों को सुनकर कुपित रावण बोला– ‘स्वभाव किसी के लिए भी दुर्लड़्घ्य होता है।
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : माल्यवान् की कही हुई हितकर बातों को सुनकर कुपित रावण बोला– 'स्वभाव किसी के लिए भी दुर्लड़्घ्य होता है।

Explanation : संस्कृत सूक्ति 'स्वभावो दुरतिक्रमः' का हिंदी में अर्थ– माल्यवान् की कही हुई हितकर बातों को सुनकर कुपित रावण बोला– 'स्वभाव किसी के लिए भी दुर्लड़्घ्य होता है। संस्कृत की यह सूक्ति वाल्मीकि रामायण 6.36.1. से ली गई है। State TET, CTET, TGT, PGT आदि परीक्षाओं के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्कृत सूक्तियां हिंदी में अर्थ सहित पढ़े–
बलवती हि भवितव्यता। (कादंबरी/चंद्रापीडकथा)
हिंदी में अर्थ– होनहार बलवान् है, जो होना है वह होकर ही रहता है उसे टाला नहीं जा सकता।

बलवान् जननीस्नेह:। (कादंबरी/चंद्रापीडकथा)
हिंदी में अर्थ– माता का स्नेह बलवान् होता है।
Tags : संस्कृत संस्कृत सूक्ति
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Svabhavo Duratikramah