इतिहास प्रश्नोत्तरी

  • धौलावीरा कहाँ स्थित है?
    धौलावीरा गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है। हड़प्पन संस्कृति के संदर्भ में शैलकृत स्थापत्य के प्रमाण धौलावीरा में मिले हैं। धौलावीरा गुजरात के कच्छ जिले के भचाऊ तालुका में खादिर नाम के एक द्वीप, जिसे स्थानीय भाषा में बैठ कहते हैं, के उत्तरी पश्चिमी को ...Read More
  • धौलावीरा की खोज किसने की?
    धौलावीरा की खोज 1967-68 ई. में के.जे.पी. जोशी ने की थी। जिसके उत्खनन से आयताकार नगर विन्यास योजना के साक्ष्य प्रकाश में आये हैं। धौला का अर्थ सफेद तथा बीरा का कुआं है। गुजरात में कच्छ प्रदेश के उतरीय विभाग खडीर में धोलावीरा गांव के पास पांच हजार साल ...Read More
  • धौलावीरा किस नदी के किनारे स्थित है?
    धौलावीरा मनसर और मनहर नदी के किनारे स्थित है। गुजरात में कच्छ प्रदेश के उतरीय विभाग खडीर में धोलावीरा गांव के पास पांच हजार साल पहले विश्व का यह प्राचीन महानगर था। उस जमाने में लगभग 50,000 लोग यहाँ रहते थे। 4,000 साल पहले इस महानगर के पतन की शुरुआत ह ...Read More
  • विक्रम संवत का प्रारंभ होता है?
    संवत् हिंदू पंचांग में सम्मद गणना की प्रणली का नाम है। यह संवत् 57 ई. पू. आरंभ होती है। इसके प्रणेता सम्राट विक्रमादित्य को माना जाता है। कालिदास इस महाराज के रत्न माने जाते है। बारह महीने का का एक साल और सात दिन का एक सप्ताह रखने का प्रचलन विक्रम सं ...Read More
  • मत्तमयूर (Mattamayura) कौन थे?
    मत्तमयूर शैव अनुयायी था। शैव धर्म के प्रचारकों को नायनार कहा गया है। नायनार संतों की संख्या 63 बताई गयी हैं, जिनमें अप्पार, तिरुज्ञान, संबंदर, सुंदर मूर्ति, मणिक्कवाचगर आदि के नाम लिए जा सकते हैं। इसमें सुदंर मूर्ति को ईश्वर मिश्र की उपाधि दी गयी थी। ...Read More
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