तमसो मा ज्योतिर्गमय का अर्थ

(A) क्षण त्यागने से विद्या कहां और कण त्यागने से धन कहां।
(B) चित्र में लिखे हुए बाण निकालने के उद्योग में लगे हुए की भांति हो गया।
(C) अंधकार से प्रकाश की ओर तथा मृत्यु से अमृत की ओर ले जायें।
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : अंधकार से प्रकाश की ओर तथा मृत्यु से अमृत की ओर ले जायें।

Explanation : संस्कृत सूक्ति 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' का हिंदी में अर्थ– अंधकार से प्रकाश की ओर तथा मृत्यु से अमृत की ओर ले जायें। संस्कृत की यह सूक्ति बृहदारण्यक 1.3.28 से ली गई है। State TET, CTET, TGT, PGT आदि परीक्षाओं के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्कृत सूक्तियां हिंदी में अर्थ सहित पढ़े–
अनाराधित प्रसन्नेन कुसुमशरेण भगवत ते वर: दत्त:। (चंद्रापीडकथा/कादम्बरी)
हिंदी में अर्थ– कामपीड़ित कादम्बरी जब अपनी दयनीय दशा के लिए चंद्रापीड को दोष देती है तो पत्रलेखा उसे समझाती है– कि कामदेव के दोषों के लिए राजकुमार को दोष देना उचित नहीं है। यह तो तुम्हारे ऊपर कामदेव की स्वत: प्रसन्नता का लक्षण है।

अहो मानुषीषु पक्षपात: प्रजापते:। (कादंबरी/चंद्रापीडकथा)
हिंदी में अर्थ– कादम्बरी पत्रलेखा के सौन्दर्य को देखकर कहती है कि ब्रह्मा ने पत्रलेखा के प्रति पक्षपात किया है और उसे गन्धर्वों से भी अधिक सौन्दर्य प्रदान किया है।

बचने का दरिद्रता
हिंदी में अर्थ– बोलने में क्या दारिद्र्य।
Tags : संस्कृत संस्कृत सूक्ति
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Tamaso Ma Jyotirgamaya