तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए में कौन सा अलंकार है?

(A) उत्प्रेक्षा
(B) वृत्त्यानुप्रास
(C) शब्दार्थालंकार
(D) स्वभावोक्ति

Answer : वृत्त्यानुप्रास अलंकार

Explanation : "तरनि-तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए। झुके कूल सो जल परमन हित मनहुँ सुहाए॥" पंक्तियों में वृत्त्यानुप्रास अलंकार है। जब एक या एक से अधिक वर्ण एक ही क्रम दो से अधिक बार आएँ, तब 'वृत्यानुप्रास' अलंकार होता है। उपमेय में उपमान की सम्भावना होने पर उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। उत्प्रेक्षा में जनु, मनु, मानो, जानो, इव जैसे वाचक शब्दों का प्रायः प्रयोग किया जाता है। 'शब्दार्थालंकार' 'अलंकार' के भेद है तथा आचार्य दण्डी मानते हैं कि स्वाभावोक्ति ही सम्पूर्ण अलंकारों में निहित सार भूत तत्व है और उसके अभाव में अलंकार तत्व सम्भव नहीं है। यह अलंकार का तत्व है।
Tags : अनुप्रास अलंकार अलंकार अलंकारिक शब्द
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Web Title : Tarani Tanuja Tat Tamal Me Alankar